Suraton ki fazilat | Quran ki suraton ki fazilat
अससलाम वालेकुम व रहमतुल्लाह व बराकातह आज मैं आपको कुरान की कुछ सूरतोंऔर कुछ आयतों की फजीलत बताऊंगा| कुरान के हर आयत में अल्लाह ताला ने शिफा रखी है | और कुरान के हर आयत में बहुत सारे फ़ाज़िल हैं . और अल्लाह ताला ने इसमें बरकते रखी हैं |तो आपको चाहिए की कुरान की सूरतो की फजीलत को पढ़ें और उसी के एतेबार से आप जिस दिन कुरान की जो सूरत पढ़ने की फजीलत है आप उस दिन भी उस सूरत को पढ़ सकते हैं और अगर चाहे तो रोज ही इन तमाम सूरतो की तिलावत कर सकते हैं|
आयते करीमा की फजीलत
आयते करीमा के ख़ास फ़ज़ाइल में से यह है कि किसी भी किस्म के दुनियावी या आसमानी आफत आ जाए तो चंद हजरात मिलकर खुलूसे दिल के साथ सवा लाख यानी 125000 मर्तबा इसको पड़े तो अल्लाह के फजल o करम से इंशा अल्लाह वह मुसीबत दूर हो जाएगी|
हजरत साद बिन अबू वक्कास रजी अल्लाह ताला अनहु से मरवी है कि रसूलूल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो कोई शख्स किसी भी मुसीबत के वक्त आयते करीमा का विरद करेके , अल्लाह तबारक व ताला की बारगाह में दुआ करेगा अल्लाह ताला उसकी दुआ को जरूर कुबूल फरमाए गा|
शाबुल ईमान बाय लिल बैहकी पेज 134
हजरत साद बिन मालिक रजि अल्लाह ताला अनहु से मरवी है वह कहते हैं कि मैंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम को यह फरमाते हुए सुना : क्या मैं तुम्हें अल्लाह का वह इसम ना बता दूं जिसके साथ अल्लाह को पुकारा जाए तो वह जरूर सुनता है |और उससे सवाल किया जाए तो जरूर आता फरमाता है ?यह वह कलीमात हैं जिनके साथ हजरत यूनुस अलैहिस्सलाम ने अल्लाह ताला को पुकारा था | यानी आयते करीमा के साथ अल्लाह को पुकारा था , कोई मुसलमान अपनी बीमारी में 40 मर्तबा यह कलीमात पढ़कर अल्लाह ताला से दुआ करेगा तो अगर उस मर्ज में उसका इंतकाल हो गया तो शहादत की मौत पाएगा |और अगर बीमारी से शिफा याब हो गया तो उसके सारे गुनाह माफ कर दिए जाएंगे |
अलमुस्तदरक अलग सहीहैन लिल हाकिम हिस्सा १ पेज 685
सुरह कहफ की फजीलत
हजरत अबू इसहाक रजि अल्लाह ताला अनु से मरवी है वह कहते हैं कि मैंने हजरतबरा बिन आज़िब रजि अल्लाह ताला अनहु को फरमाते हुए सुना : एक शख्स सूरह कहफ़ की तिलावत कर रहा था कि अचानक उसने अपने जानवर को देखा कि वह बिदक रहा है और एक बादल नमोदार हो रहा है | वह रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम के पास आया और आपसे सारा हाल बयान किया . नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया : यह सकीना है जो कुराने मुकद्दस पर नाजिल हुआ है |
सुनन तिरमिज़ी हिस्सा 5 पेज 1 61
हजरत अबू दरदा रजि अल्लाह ताला अनहु से मरवी है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : जिसने सूरज कहफ के पहले तीन आयतें पढ़ी वह दज्जाल के फितने से महफूज रहेगा | उन्हीं से एक रिवायत इन अल्फ़ाज़ में मौजूद है कि जो भी सुरह कहफ़ के शुरू के 10 आयतें याद कर ले वह दज्जाल के फितने से महफूज रहेगा |
मिशकातुल मसाबीह हिस्सा एक सफा ६५६
सूरह मरियम की फजीलत
हजरत उबई बिन काब रजि अल्लाह ताला अनहु से मरवी है कि हुजूर सल्लल्लाहो ताला अलैह वसल्लम ने इरशाद फरमाया : जिसने सूरह मरियम की तिलावत कि उसे उन तमाम लोगों की तादाद के बराबर 10- 10 नेकिया मिलेंगी , जिन्होंने हजरत जकरिया ,हजरत यहया ,हजरत ईसा, हजरत मूसा, हजरत हारून, हजरत इब्राहीम ,हजरत इसहाक, हजरत याकूब ,हजरत इस्माइल अलैहिमुस्सलाम की तस्दीक या तकज़ीब की और जिन लोगों ने अल्लाह के लिए बेटा ठहराया और जिन लोगों ने नहीं ठहराया |
अत्तफसीरुल वसीत हिस्सा 3 फेज 174
सूरह ताहा की फजीलत
हजरत अबू हुरैरा रादिअल्लाहू ताला अन्हू से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : अल्लाह ताला ने जमीन और आसमान की पैदाइश से हजार साल पहले सूरह ताहा , और सूरह यासीन की तिलावत फरमाया |जब फरिश्तों ने यह सूरते सुनी तो कहा उस उम्मत के लिए भलाई है जिस पर यह सूरतें नाजिल होंगी | उन दिलों के लिए भलाई है जो उन्हें उठाएंगे ,और उन जवानों के लिए भलाई है जो उन की तिलावत करेंगे |
मिशकातुल मसाबीह हिस्सा एक सफा 662
सूरह नूर की फजीलत
हजरत उबई बिन काब रजि अल्लाह ताला अनहु से मरवी है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : जिसने सूरह नूर की तिलावत कि उसे उसके तमाम पिछले और आने वाले जमाने में पैदा होने वाले हर मोमिन की तादाद पर 10-10 ने किया दी जाएंगी |
अत्तफसीरुल वसीत हिस्सा ३ , पेज ३०२
सुरह साफ्फात की फ़ज़ीलत
हजरत उबई बिन काब रजि अल्लाह ताला अनहु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : जिसने साफ्फात की तिलावत कि उसके लिए हर जिन्नात और इंसान की तादाद पर 10-10 नेकिया होंगे | उससे सर्कस शैतान दूर होंगे | वह शिर्क से बरी होगा ,और उसकी हिफाजत करने वाले फरिश्ते उसके लिए गवाही देंगे कि वह अल्लाह ताला और उसके रसूलों पर ईमान लाने वाला है|
अत्तफसीरुल वसीत हिस्सा ३ , पेज ५२१
सूरह मोहम्मद की फजीलत
हजरत उबई बिन काब रजि अल्लाह ताला अनु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : जिसने सुरह मुहम्मद की तिलावत की तो अल्लाह ताला ने अपने जिम्मे कर्म पर ले लिया है की उसे जन्नत की नहरों से सेराब करे |
अत्तफसीरुल वसीत हिस्सा ४ , पेज ११८
सुरह फतह की फ़ज़ीलत | Surah fatah ki fazilat
हजरत उमर बिन खतताब रजि अल्लाह ताला अनहु से मरवि है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने फरमाया : आज रात मुझ पर एक ऐसी सूरत नाजिल हुई है जो मुझे दुनिया और माफिहा से बेहतर है | फिर आपने सूरह फतह की तिलावत फरमाई |
सही बुखारी हिस्सा 6 पेज 189
हजरत उबई बिन काब रजि अल्लाह ताला अनहु से रिवायत है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : जिसने सूरह फतह की तिलावत कि वह उस की तरह है जो मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला वसल्लम अलैहि के साथ फ़तहे मक्का के दिन हाजिर था |
अत्तफसीरुल वसीत हिस्सा ४ , पेज १४९
सुरह हुजरात की फजीलत
हजरत उबई बिन काब रजि अल्लाह ताला अनहु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : जो सुरह हुजरात की तिलावत करें उसे अल्लाह ताला की ईता’अत करने वालों और नाफरमानी करने वालों की तादाद पर 10-10 ने किया दी जाएंगी |
अत्तफसीरुल वसीत हिस्सा ४ , पेज १४९