Qurbani ka aasan tarika | qurabni ki ahmiyat o fazilat

कुर्बानी करने का तरीका

मेरे प्यारे इस्लामी भाइयों आज मैं आपको बताऊंगा की  कुर्बानी करने का तरीका क्या है . साथ ही कुर्बानी की अहमियत और कुर्बानी क्यों किया जाए इस बारे में भी आज हम बात करेंगे, आपसे गुजारिश है कि पढ़ कर के अपने दोस्तों को भी आगे शेयर कर दें.

कुर्बानी की अहमियत

हजरत आयशा सिद्दीका रज़िअल्लहु ताला अन्हा से रिवायत है की हुजूर सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया :

ما عمل ابن آدم من عمل يوم النهر احب الى الله من اهراق الدم وانه لیوتي يوم القيامه بقرونها واشعارها وازلا فها ۔ وان الدم لیقع من الله بمكان قبل ان يقع بالارض فطيبوا بها نفسا

              कुर्बानी वाले दिन खून बहाने से ज्यादा इंसान का कोई काम अल्लाह ताला के नजदीक पसंदीदा नहीं है ۔ कुर्बानी का जानवर कयामत के दिन सींगों, बालों और खुरों के साथ लाए जाएंगे . कुर्बानी का खून जमीन पर गिरने से पहले ही अल्लाह ताला की बारगाह में वह कुर्बानी मकबूल हो जाती है इसलिए तुम अच्छे दिल से कुर्बानी किया करो.
सुनन तिरमिज़ी हिस्सा ४ पेज 83

कुर्बानी क्यों किया जाए कुर्बानी करने की वजह

अल्लाह ताला ने कुरान में इरशाद फरमाया :अल्लाह को हरगिज ना उनके गोश्त पहुंचते हैं ना उनके खून , हां तुम्हारी परहेज गारी अल्लाह तबारक व ताला तक पहुंचती है.
सूरह हज आयत 37
मेरे प्यारे इस्लामी भाइयों और बहनों इस आयत में इस बात की वजाहत कर दी गई है कि अल्लाह ताला की बारगाह में सिर्फ जानवर का अच्छा होना, उसकी कीमत या उसकी कोई और सिफत नहीं देखी जाती ,बल्कि उसकी बारगाह में तो तुम्हारा खुलूस और तुम्हारे दिल की कैफियत देखी जाती है . अगर तुम्हारी कुर्बानी रियाकारी और दूसरी बुराइयों से पाक है तो यकीनन वह अल्लाह ताला की बारगाह में मकबूल है .और अगर उसमें नाम और रिया कारी शामिल हो तो लाखों रुपए खर्च करके जानवर खरीद कर कुर्बानी करने पर भी वह मकबूल नहीं होगी.

आज के जमाने में कुर्बानी के जानवर खरीदने में दिखावा और मुकाबला बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है . हम अपने जिममें से वाजिब को खत्म करने की फिक्र नहीं करते बल्कि हमें यह फ़िक्र होती है कि हमारा बकरा पूरे मोहल्ले में सबसे अच्छा दिखना चाहिए . और लोग तारीफ करें कि फुला ने बहुत कीमती जानवर लाया वगैरा-वगैरा . याद रखें कुरबानी का मकसद यह नहीं है बल्कि कुर्बानी का मकसद तो यह है कि हम अल्लाह की बारगाह में खुलूसे दिल के साथ कुर्बानी का हदया पेश करें . और सिर्फ अल्लाह और रसूल की खुशनूदी हमारे सामने होना चाहिए और अल्लाह की रजा हासिल करने के लिए कुर्बानी करना चाहिए.

कुर्बानी करने का तरीका

कुर्बानी करने का तरीका यह है की जानवर को बाएं पहलू पर इस तरह लिटा दिया जाए की जानवर का मुंह किबला की तरफ हो और अपना दाहिना पैर उसके पहलू पर रखकर तेज छुरी लेकर यह दुआ पढ़े.

انی وجهت وجهي للذي فطر السماوات والارض حنيفا وما انا من المشركين ان صلاتي ونسكي ومحياي ومماتي لله رب العالمين لا شريك له وبذ لك امرت وانا من المسلمين اللهم منك ولك بسم الله الله اكبر
पढ़ लार ज़बह कर दे फिर ये दुआ पढ़े .

اللهم تقبل مني كما تقبلت من خليلك ابراهيم عليه الصلاه والسلام وحبيبك محمد صلى الله عليه وسلم

अगर दूसरे की तरफ से कुर्बानी करें तो मिन्नी  की जगह मिन कह कर उसका नाम ले जैसे की मिसाल के तौर पर अगर किसी दूसरे की तरफ से कुर्बानी कर रहा है और उसका नाम ज़ैद  है तो यह कहे अल्लाहुम्मा ताक़ब्बल मिन ज़ैद इब्ने फुलं कमा तक़ब्बलता मिन खलीलिक इब्राहीम अलैहिस्सलाम व हबीबिक मुहम्मद सल्लाहू अलैहि वसल्लम .

कुर्बानी क्या है

हजरत ज़ैद बिन अरक़म रजि अल्लाह ताला अनहु से रिवायत है , कि हुज़ूर सल्लल्लाहो ताला वसल्लम के सहाबा के सहाबा ने अर्ज किया या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम : कुर्बानियां क्या है? तो आपने  फरमाया : तुम्हारे बाप इब्राहिम अलेहिससलाम की सुन्नत है .उन्होंने अर्ज किया या रसूल अल्लाह , हमारे लिए इसमें क्या है? आपने फरमाया हर बाल के बराबर नेकी है . सहाबा ने अर्ज किया क्या भेड़ के बाल के बराबर भी नेकी है ? यानि भेद के बाल काफी ज्यादा होते हैं , तो क्या अगर कोई भेद की क़ुरबानी करे तो उसके हर बल के बदले में नेकी मिलेगी ? सुबहान अल्लाह , आपने फ़रमाया भेड़ के बाल के हर सूत  के बराबर ने की है.


Qurbani ki ahmiyat o fazilat | Qurbani kis par wajib hai

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